समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से पता चला है कि शायद 15 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए जो एकमात्र वैक्सीन उपलब्ध होगी वह भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन होगी हालांकि ज़ायडस कैडिला की वैक्सीन ZyCoV-D को बच्चों के बीच प्रशासन के लिए देश के शीर्ष दवा नियंत्रक निकाय द्वारा भी अनुमोदित किया गया है।
डॉ एनके अरोड़ा ने रविवार को बताया की 12 से 18 साल के बच्चे काफी हद तक व्यस्को की तरह ही होते हैं। समाचार एजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में वे बोले,”,, 12 से 18 साल के बच्चे और खासकर 15-18 की आयु वाले यह बच्चे काफी हद तक व्यस्को की तरह होते हैं, हम नहीं जितना अभी तक रिसर्च किया है उसमें जो अभी तक कोविड-19 की मौतें हुई हैं उसमें दो तिहाई हिस्सा इस आयु वर्ग से है।”
डॉक्टर अरोड़ा के मुताबिक covaxin ने वैसे भी वयस्कों के मुकाबले बच्चों में ज्यादा अच्छे रिजल्ट दिए हैं।