Friday, July 26, 2024

एक छत के नीचे भारतीय प्रधानमंत्री के साथ होंगे चीन के राष्ट्रपति और पाक प्रधानमंत्री फिर भी नही मिलेंगे मोदी

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शंघाई सहयोग संगठन में पीएम नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ मुलाकात नहीं करेंगे. पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार दोपहर को एससीओ समिट में भाग लेने के लिए समरकंद रवाना होंगे, जहां सभी नेताओं के लिए उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव डिनर होस्ट करेंगे. इस दौरान उसी जगह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी मौजूद रहेंगे लेकिन पीएम मोदी की उनसे मुलाकात नहीं होगी.

शिखर सम्मेलन में होते हैं दो सत्र

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, पीएम मोदी कल सुबह एससीओ समिट में हिस्सा लेंगे. शिखर सम्मेलन में आमतौर पर 2 सत्र होते हैं – प्रतिबंधित सत्र, केवल एससीओ सदस्य राज्यों के लिए, और फिर एक विस्तारित सत्र, जिसमें पर्यवेक्षकों और विशेष आमंत्रितों की भागीदारी हो सकती है. विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने आगे कहा, हमें उम्मीद है कि एससीओ शिखर सम्मेलन की चर्चा में सामयिक, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, एससीओ के सुधार-विस्तार, क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति, क्षेत्र में हमारे सहयोग, क्षेत्र में कनेक्टिविटी को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे शामिल होंगे.

पाकिस्तान की ओर से आतंकी समूहों को समर्थन के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने कहा कि क्षेत्र में आतंकवाद से निपटने के तरीकों को लेकर एससीओ में पहले ही गहन तालमेल बना हुआ है. एससीओ में आर्थिक सहयोग का जिक्र करते हुए क्वात्रा ने कहा कि भारत और मध्य एशिया के बीच आर्थिक सहयोग के कई आयाम हैं जिनमें कारोबार और संपर्क, अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण कॉरिडोर सहित मध्य एशिया के देशों के साथ संपर्क बढ़ाना, कारोबार से जुड़े सहयोग पर ध्यान देना शामिल है. उन्होंने कहा कि इसमें उत्पाद व सेवाओं को लेकर सहयोग बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जाएगा, जिसमें फार्मा-कृषि उत्पाद, खनिजों का आयात, आईटी से जुड़ी सेवाएं, स्टार्टअप एवं इनोवेशन शामिल है.

रूस ने शुक्रवार को पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की पुष्टि कर दी है. रूस ने कहा कि सामरिक स्थिरता, एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिति, बहुपक्षीय प्रारूपों जैसे यूएन, जी20 और एससीओ में सहयोग जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी. पीएम मोदी ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.

2001 में हुई थी शुरुआत

एससीओ का पिछला सम्मेलन 2019 में किर्गिस्तान के बिश्केक में हुआ था. उसके बाद 2020 में मॉस्को सम्मेलन कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल फॉर्मेट में हुआ था. वहीं 2021 का सम्मेलन दुशान्बे में मिश्रित प्रारूप में आयोजित किया गया था. एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी. इसके छह संस्थापक सदस्य समेत आठ पूर्णकालिक सदस्य हैं. संस्थापक सदस्य देशों में चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं. भारत और पाकिस्तान 2017 में इसके पूर्णकालिक सदस्यों के रूप में शामिल हुए थे. साल 2020 में कोविड महामारी सामने आने के बाद यह पहला मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के सम्मेलन में भाग लेंगे.

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