राज्य सरकारों को चेताते हुए केंद्र सरकार ने बताया की वैज्ञानिक तथ्यों की माने तो omicron वैरिएंट, डेल्टा वेरिएंट से लगभग 3 गुना ज्यादा संक्रामक है। केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देशित किया की वह उन इलाकों में कर्फ्यू लगाए जहां संक्रामकता का रेट बहुत अधिक है, नाइट कर्फ्यू लगाएं और बड़े सम्मेलनों या कार्यक्रमों पर ढील भी ना दें जिनमें बहुत लोग शामिल हो।
केंद्र सरकार ने यह भी बोला कि राज्य ओमीक्रोन को देखते हुए एक बार फिर अपने वॉर रूम स्थापित करें और डाटा का अन्वेषण शुरू करें। एक बार फिर जरूरी कदम उठाने होंगे क्योंकि ओमीक्रोन VOC है यानी कि वैरिएंट ऑफ कंसर्न। बता दें कि अब देश में लगभग 200 ओमीक्रोन के मामले आ चुके हैं और देश के 7 राज्य ऐसे हैं जहां मामले डबल फिगर छू रहे हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव Rajesh Bhushan ने ट्विटर पर लिखा,” डिस्ट्रिक्ट लेवल पर एक बार फिर , कोविड -19 से प्रभावित आबादी, भौगोलिक प्रसार, हॉस्पिटल के बुनियादी ढांचे और इसके उपयोग, जनशक्ति, नियंत्रण क्षेत्रों को अधिसूचित करने, नियंत्रण क्षेत्रों की परिधि को लागू करने के संबंध में उभरते आंकड़ों की निरंतर समीक्षा होनी चाहिए। यह साक्ष्य जिला स्तर पर ही प्रभावी निर्णय लेने का आधार होना चाहिए। इस तरह की रणनीति यह सुनिश्चित करती है कि राज्य के अन्य हिस्सों में फैलने से पहले संक्रमण स्थानीय स्तर पर ही रह जाए।” “सेंटर ने यह दिशा निर्देश दिया है कि अगर जिला स्तर पर ही मामले बढ़ रहे हैं तो फिर लॉकडाउन उस निर्धारित क्षेत्र में ही लगे हालांकि जनसंख्या घनत्व या संक्रामक दर को देखते हुए राज्य सरकारें मामलों के बढ़ने से पहले ही लॉकडाउन लगा सकती है,” उन्होंने लिखा।