वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद मामले में कोर्ट ने 12 सितंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है. दोनो पक्षों की सुनवाई पूरी हो गई है. अब 12 सितंबर को फैसला सुनाया जाएगा. ज्ञानवापी केस की सुनवाई के दौरान औरंगजेब की भी एंट्री हो गई है. कागज मांगने पर मस्जिद पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि मस्जिद की जमीन औरंगजेब की संपत्ति है. इस मामले में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें पूरी होने के बाद आज हिंदू पक्ष आपत्ति पर जवाब दाखिल करेगा.
इससे पहले कोर्ट ने मस्जिद पक्ष के जरिए लगातार अगली तारीख मांगने से वाराणसी के जिला जज नाराज हो गए थे. उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए अगली तारीख 22 अगस्त निर्धारित करते हुए अंजुमन इंतजामिया पर 500 रुपये जुर्माना लगाया था. अगली तारीख यानी बीती 22 अगस्त को पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए थे. बता दें कि इस मामले में 18 अगस्त यानी गुरुवार को सुनवाई मुकर्रर हुई थी. पिछली तारीख में भी मस्जिद पक्ष से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने 15 दिन का समय मांगा था.
मस्जिद पक्ष के वकील का हो गया था निधन
कोर्ट से समय मांगने के पीछे वजह बताई गई थी अधिवक्ता अभय नाथ यादव के आकस्मिक निधन के कारण तैयारी पूरी न होना. बता दें कि मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी. इस वजह से अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत के सामने दरख्वास्त रखते हुए कहा कि केस से जुड़ी फाइल अधिवक्ता स्वर्गीय अभयनाथ यादव के चैंबर में ही है. इसलिए इस केस में अपना प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए नए वकील नियुक्त कर तैयारी करना है.
मस्जिद पक्ष की ओर से योगेंद्र प्रसाद सिंह नए वक़ील
अदालत ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए अगली तारीख 18 अगस्त की मुकर्रर की, लेकिन गुरुवार को सुनवाई से दौरान मस्जिद पक्ष ने दो नए वकील तो मुकदमे की पैरवी के लिए खड़े किए लेकिन फिर से अगली तारीख देने की प्रार्थना की. इसी बात से अदालत नाराज हुई. बता दें कि प्रतिवादी मस्जिद पक्ष की ओर से शमीम अहमद और योगेंद्र प्रसाद सिंह उर्फ मधु बाबू नए वक़ील नियुक्त किए गए हैं. अब इस मामले में 22 अगस्त को सुनवाई होगी.
मस्जिद पक्ष की सुनवाई भी हुई पूरी
अब तक चली सुनवाई में मस्जिद पक्ष ने जवाब दाखिल किया. जिस पर मंदिर पक्ष के चारों वादिनी की ओर से उनके अधिवक्ताओं ने बहस पूरी की. बता दें कि मुकदमे की पोषनीयता यानी 7/11 मामले की ये सुनवाई चल रही है. इस सुनवाई के बाद वाराणसी की जिला जज की अदालत ये फैसला सुनाएगी कि मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं.