Saturday, December 9, 2023
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साल में एक बार खुलता है माता का मंदिर जहां खुदसे दीप प्रज्वलित होता है………….

नीराय माता मंदिर, छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थल है जो छत्तीसगढ़ राज्य के धामताराय शहर में स्थित है। यह मंदिर मां नीराय को समर्पित है, जिन्हें स्थानीय लोग अपनी मां के रूप में पूजते हैं। इस मंदिर का निर्माण पाषाण के टुकड़ों से किया गया है और इसकी स्थापना के पुरातात्विक मूल्य होते हैं।



नीराय माता मंदिर का दर्शन श्रद्धालुओं के लिए विशेष रूप से अक्षय नवमी के दिन किए जाते हैं, जब बड़ा धामताराय मेला आयोजित होता है। इस मेले में हजारों लोग आते हैं और मां नीराय की कृपा की कामना करते हैं।

मंदिर का आकर्षण उसकी प्राचीन और भव्य वास्तुकला है, जिसमें प्राचीन भारतीय संस्कृति का आदान-प्रदान है। इसके अलावा, मंदिर के प्रांगण में एक शिवलिंग भी है, जिसे श्रद्धालु भगवान शिव के रूप में पूजते हैं।निरई माता के मंदिर में सिंदूर, सुहाग, श्रृंगार, कुमकुम, गुलाल, बंदन नहीं चढ़ाया जाता बल्कि नारियल और अगरबत्ती से माता को प्रसन्न किया जाता है। यह मंदिर साल में सिर्फ पांच घंटे के लिए ही खुलता है। साथ ही यहां महिलाओं के लिए भी कई खास नियम बनाए गए हैं।

नीराय माता मंदिर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह एक आधार है जिस पर लोग अपने आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन को निर्माण करते हैं। इसके अलावा, इसकी खूबसूरती और वातावरण भी यहाँ के दर्शनीयताओं में शामिल हैं, जो भारतीय सौंदर्य की अद्वितीय झलक प्रदान करते हैं।

निरई माता मंदिर एक विशेष स्थान है जहां सुबह 4 बजे से 9 बजे तक ही माता के दर्शन किए जा सकते हैं, और इसे चैत्र नवरात्र के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां महिलाओं का प्रवेश और पूजा-पाठ की इजाजत नहीं है, और उन्हें प्रसाद भी नहीं खाने दिया जाता है। ग्रामीणों के अनुसार, यहां चमत्कार होता है क्योंकि बिना तेल के ज्योति नौ दिनों तक जलती रहती है, मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्र के दौरान अपने आप ही ज्योति प्रज्जवलित होती है। यह चमत्कार कैसे होता है, यह आज तक पहेली ही बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि यह निरई देवी का ही चमत्कार है ।

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