Saturday, July 27, 2024

गांधी पार्क में रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों के निर्माण का अनोखा काम

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उत्तराखंड: दशहरे के त्योहार के आसपास, गांधी पार्क में रावण, मेघनाद, और कुंभकरण के पुतलों के निर्माण का काम तेजी से जारी है। इस अनोखे काम के पीछे हैं रामपुर के बिलासपुर निवासी मुन्ना और सुभान, जिनका परिवार तीन पीढ़ियों से पुतलों के निर्माण के काम में जुटा हुआ है।

सुभान ने बताया कि इस वर्ष से ही रावण के पुतले के निर्माण का काम शुरू किया गया था, और पुतलों के ढांचों को दशहरे के दिन से चार दिन पहले गांधी पार्क में पहुंचाया जाएगा। इन पुतलों के निर्माण के लिए हापुड़ से बांस का उपयोग किया जाता है, और इन्हें दिल्ली से आने वाले विशेष चमकीले कागज से सजाया जाता है।

इस साल तैयार किए जा रहे पुतलों में कई खासियतें हैं। पिछले साल रावण के पुतले की ऊंचाई 60 फुट थी, जिसे इस वर्ष 10 फुट बढ़ाकर 70 फुट किया गया है। इस बार, रावण के वस्त्रों को कागज के फूलों से सजाया जाएगा, और उसकी मूछों को गोल आकार दिया गया है। और, इस बार पटाखों को पुतले के भीतर इस तरह लगाया जाएगा कि दहन के समय रावण के पुतले की आंखों और कानों से अंगारे निकलेंगे।

रावण और मेघनाद के पुतले के निर्माण के लिए दो लाख से अधिक रुपये खर्च किए गए हैं। इन पुतलों की ऊंचाई भी इस बार विशेष रूप से बढ़ाई गई है, और इन्हें बनाने में कई लोगों की टीम को 15-16 दिन लगे।

रावण के पुतले के जूतों में एक अनोखी परिवर्तन किया गया है – इस बार उनकी जूतियों की जगह राजस्थानी नागरी पहनाई जाएगी। इन नागरी के तैमड़े कागज से तैयार किया जाएगा, और रावण को इस नए और आकर्षक रूप में पेश किया जाएगा।

यह निर्माण काम रामपुर के श्रीराम लीला मैदान में हो रहा है, और यहां की श्रीराम लीला में दशहरे के दिन रावण और मेघनाद के पुतले खड़े किए जाएंगे, जिनका दहन दशहरे के दिन होगा।

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