एनडीए सरकार ने सोमवार को बातचीत के लिए चार विपक्षी दलों-जिनके सांसद 12 निलंबित सांसदों में से हैं- को आमंत्रित किया है, लेकिन विपक्ष का एक खेमा आमंत्रण को लेकर नाराज है।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार शाम को मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा और केवल चार दलों को बुलाने के फैसले को “गलत और दुर्भाग्यपूर्ण” बताया, प्रह्लाद जोशी संसदीय मामलों के मंत्री हैं।
बता दे की यह बैठक सोमवार की सुबह 10:00 बजे पीयूष गोयल के ऑफिस में होगी हालांकि बैठक में शामिल ‘हो या ना हो’ इस पर आखिरी फैसला करने के लिए कल सुबह 9:45 बजे पर विपक्ष की पार्टियां बैठक करेंगी।
प्रह्लाद जोशी को लेटर में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ’12 सांसदों को निलंबित करने के मामले में सभी विपक्षी दल एकजुट हैं। विपक्षी पार्टियां 29 नवंबर शाम से ही मांग कर रहे हैं कि या तो सभापति या फिर सदन नेता पीयूष गोयल इस डेडलॉक को तोड़ने के लिए सारे विपक्षी दलों को बातचीत के लिए एकत्र करें लेकिन इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए सरकार ने केवल चार विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया है जो सरासर अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है।
बता दे कि बैठक के लिए सिर्फ कॉन्ग्रेस तृणमूल शिवसेना और सीपीआईएम को बुलाया गया है बल्कि निलंबित सांसदों में से एक सांसद भाकपा का भी है लेकिन उन्हे आमंत्रित नहीं किया गया है।
क्यों हुए थे निलंबित?
बता दें कि शीतकालीन सत्र के दौरान 29 नवंबर की तारीख कांग्रेस के है तृणमूल और शिवसेना के दो और माकपा तथा भाकपा के एक-एकसांसद को बुरे आचार और हिंसक व्यवहार के कृतियों के लिए पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया था।
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