5 August 2023
चन्द्रमा पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग का जन्म ५ अगस्त, १९३० को वेपकॉनेटा ओहायो में हुआ था | बात करे उनके परिवार के अन्य लोगो की तो उनके पिता का नाम स्टीफेन आर्मस्ट्रांग था और माता का नाम वायला लुई है नील आर्मस्ट्रांग एक अमेरिकी खगोलयात्री और चाँद पर पहला कदम रखने वाले व्यक्ति थे । इसके अलावा नील आर्मस्ट्रांग एक एयरोस्पेस इंजीनियर, तथा नौसेना अधिकारी, और परीक्षण पायलट, प्रोफ़ेसर भी रह चुके थे । खगोलयात्री को (ऍस्ट्रोनॉट) भी कहा जाता है ऍस्ट्रोनॉट बनने से पहले वे नौसेना में रह चुके है । साथ ही नौसेना में रहते हुए उन्होंने कोरिया युद्ध में भी हिस्सा लिया था । नौसेना के बाद उन्होंने पुरुडु नामक विश्वविद्यालय से बैचलर की डिग्री प्राप्त की और कुछ समाय बाद ड्राइडेन फ्लाईट रिसर्च सेंटर से जुड़े और एक परीक्षण पायलट के रूप में उन्होंने लगभग ९०० से अधिक उड़ानें भरीं। यहाँ सेवा देने के बाद उन्होंने दक्षिण कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय पोस्ट ग्रेजुएशन की उपाधि हासिल की। नील आर्मस्ट्रांग गणित और विज्ञान जैसे विषय में काफी तेज थे | खगोल विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान विषय में नील की ख़ास दिलचस्पी थी | उन्होंने अपना छात्र पायलट का लाइसेंस सोलह साल की उम्र में हासिल कर लिया था|
| सन 1951 में एक बार युद्ध के दौरान वे उत्तर कोरिया के उपर उड़ रहे थे | नील आर्मस्ट्रांग के जीवन के कुछ खासबाते जिन्हे सुनके आप हैरान हो सख्त है ये बात तब की है जब नील F9F पेंथर जेट विमान में उडा रहे थे | उन्होंने देखा कि उत्तरी कोरियाई सैनिक अपने भोर के रोजमर्रा के काम में क रहे थे | वे चाहते तो उन्हें अपनी मशीन गन से उड़ा सकते थे , लेकिन उन्होंने ट्रिगर से उंगस ली हठा ली और आगे निकल गये | वे ऐसे निहत्थे लोगो पर कैसे हमला कर सकते थे ,जो अपना बचाव भी नही कर सकते थे | म्रुत्यू नील आर्मस्टांग ने जीवन में कई काम किये है उनका जीवन हमेसा से ही संघर्ष से भरा रहा है| उन्होंने नेवी फाइटर पायलट , प्रोफेस्सर, टेस्ट पायलट और अन्तरिक्ष यात्री के रूप में रहकर देश का मान बढ़ाया है और हमेसा ही गर्वपूर्वक देश की सेवा की हे| उन्हें सैकड़ो पुरुस्कार और सम्मान मिले ,लेकिन अन्तरिक्ष जितनी ऊँची उपलब्धी के सामने सब फीके पड़ गये | 82 वर्ष की आयु में 25 अगस्त 2012 के दिन ही दिल का दौरा पड़ने से महानतम अन्तरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रोग का निधन हो गया था |