Saturday, July 27, 2024

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना पड़ी भारी! उत्तराखंड डीजीपी को हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश

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उत्तराखंड पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन न करना भारी पड़ा है। मामला रामनगर में शराब के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी से जुड़ा है. जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना के रूप में देखा गया है। अब इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी दर्ज कराई है। इस मामले में रामनगर कोतवाल अरुण सैनी को सस्पेंशन भी झेलना पड़ा है।

नैनीताल जिले के रामनगर थाने के अंतर्गत पंजीकृत आबकारी अधिनियम से जुड़े मुकदमे पर आरोपियों की गिरफ्तारी करना पुलिस को भारी पड़ा है। इस प्रकरण पर हाईकोर्ट ने भारी नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के पेश होने के लिए कहा है। ऐसे में पुलिस महानिदेशालय के स्तर पर हाईकोर्ट की इस नाराजगी के बाद विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अरनेश कुमार बनाम स्टेट ऑफ बिहार और अन्य के मामले में गिरफ्तारी को लेकर जो निर्देश दिए थे उसका रामनगर पुलिस की ओर से उल्लंघन किया गया। मामले में पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के इन निर्देशों की अवहेलना की। इसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने इस मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस विभाग से जवाब भी मांगा। खास बात ये है कि हाईकोर्ट की नाराजगी के बाद उत्तराखंड पुलिस महकमा भी अलर्ट मोड पर आ गया है। इसको लेकर जहां एक तरफ पुलिस महानिदेशक के हाईकोर्ट में पक्ष रखने को लेकर विभाग तैयारी में जुटा हुआ है तो वहीं इस मामले में महानिदेशालय स्तर पर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत सभी अधिकारियों को भविष्य में सुप्रीम कोर्ट के दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन किए जाने के लिए कहा गया है।

उत्तराखंड के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने इस पूरे प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए है। इस मामले में पुलिस उपमहानिरीक्षक कुमाऊं को आदेश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के गिरफ्तारी को लेकर दिए गए उक्त निर्देशों पर सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को कदम उठाने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं भविष्य में कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर थाना प्रभारी क्षेत्राधिकार और जिले के प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। उधर डीजीपी अभिनव कुमार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि एफआईआर दर्ज करने और गिरफ्तारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाए। अगर कोई आदेश का उल्लंघन करता है तो संबंधित थाना और कोतवाली प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है। यही वजह है कि इस मामले में रामनगर कोतवाल अरुण सैनी को सस्पेंड कर दिया गया है। आपका को बता दे पूरा मामला रामनगर के रिसॉर्ट में छापेमारी और शराब की बरामदगी फिर गिरफ्तारी से जुड़ा है। जिसमें कोतवाल अरुण सैनी ने रिसॉर्ट में शराब मिलने पर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद रिसॉर्ट संचालक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के डीजीपी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं।

 

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