उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही अब शहरवासियों को डराना शुरू कर दिया है। धुएं से लोगों का दम फूलने लगा है और कई जगह आसमान से राख के कण गिर रहे हैं। पर्यावरण में छाई धुंध से दृश्यता भी कम हो गई है। अब तक प्रदेश में 1,144.85 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। कुमाऊं चार लोगों समेत पांच की मौत हो चुकी है। कुमाऊं में दूनागिरि, सोमेश्वर,अस्कोट और बेतालघाट में जंगल धधकते रहे। द्वाराहाट में वनाग्नि ने 300 हेक्टेयर से अधिक दायरे में फैले दूनागिरि उद्यान को चपेट में ले लिया है। इससे फलदार पेड़ जल गए। हैं। सोमेश्वर, बागेश्वर के जंगलों में लगी आग से शहरी क्षेत्र का पूरा इलाका धुएं की चपेट में है। आग और धुएं से पर्यटक होटलों के भीतर कैद होकर रह गए हैं और पर्यटन कारोबार को भी बुरा असर पड़ा है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ और चंपावत के जंगलों में आग लगी है। 300 फलदार समेत हजारों रुपये की कीमत के औषधीय पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो गए। अल्मोड़ा में जंंगल की आग शहरी क्षेत्र पांडे खोला तक पहुंच गई है। वन विभाग और दमकल विभाग के कर्मचारी आग बुझाने में जुटे हैं। सीमांत क्षेत्रों में धारा 144 लागू है। नैनीताल जिले के बेतालघाट ब्लॉक के सीम, सिल्टोना के जंगल में लगी आग रविवार देर रात दो बजे आबादी क्षेत्र में पहुंच गई। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि कुछ लोगों की मानसिकता इतनी खराब हो चुकी है कि वो रील बनाने के लिए जंगल में आग लगा दे रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।