Tuesday, December 5, 2023
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जनता के बीच जाने की तैयारी में कांग्रेस! समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट देखने के बाद तय करेगी रुख

समान नागरिक संहिता को लेकर कांग्रेस अभी वेट एंड वाच की मुद्रा में है। कांग्रेस इसके ड्राफ्ट के सार्वजनिक होने का इंतजार कर रही है। ड्राफ्ट सार्वजनिक होने पर संहिता के बिंदुओं का अध्ययन करने के बाद इसके प्रविधानों को लेकर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी और संवाद करेगी तब तक कांग्रेस इस विषय पर प्रतिक्रिया देने से बचने के पक्ष में है। कांग्रेस ने इसी कड़ी में समान नागरिक संहिता समेत स्थानीय मुद्दों को लेकर हर लोकसभा क्षेत्र में स्वाभिमान न्याय यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। इस कड़ी में पौड़ी लोकसभा क्षेत्र में 17 से 22 जुलाई तक यात्रा निकाली जाएगी। रविवार को कांग्रेस की राजनीतिक मामलों की समिति की वर्चुअल बैठक हुई। प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने बैठक में कहा कि भाजपा उत्तराखंड को प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल कर रही है। समान नागरिक संहिता पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले इसके ड्राफ्ट को देखना होगा। इस विषय पर सबसे बात करने की आवश्यकता है। इसके लिए इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनहित के अलग-अलग विषयों पर पांचों लोकसभा क्षेत्रों में यात्राएं निकाली जाएं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भाजपा समान नागरिक संहिता का विषय अच्छे विचार से नहीं ला रही है। यह कदम भाजपा द्वारा केवल अपनी विफलता को ढकने के लिए उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई, बेरोजगारी व महिला उत्पीडऩ के कई ज्वलंत मुद्दे हैं। इन पर कार्रवाई करने के बजाय भाजपा इस प्रकार का एजेंडा लाकर जनता को गुमराह कर रही है। जब तक समान नागरिक संहिता का प्रारूप सामने नहीं आ जाता, तब तक इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि इसे हिंदू-मुस्लिम तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए। देश में सभी जाति व धर्मों के लोग रहते हैं। इस कानून से रीति-रिवाजों एवं मान्यताओं के साथ आरक्षण भी प्रभावित होगा। राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन ने कहा कि आरक्षण खत्म करने की दिशा में भाजपा का यह पहला कदम है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग, ओबीसी विभाग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति विभाग को सक्रिय करने की आवश्यकता है। इस पर पार्टी को आक्रामक रुख अपनाना होगा। बैठक में उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, विधायक सुमित हृदयेश, अनुशासन समिति के अध्यक्ष नवप्रभात व प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी समेत अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।

 

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