नगर निगम देहरादून के सूचना अधिकार संबंधी सभी रिकॉर्ड उपलब्ध न होने से नाराज राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने वरिष्ठ वित्त अधिकारी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्होंने लोक सूचना अधिकारी को आयोग के निर्णय की पृथक पंजिका तैयार कर, उसमें आयोग की कार्रवाई को अपडेट रखने के निर्देश भी दिए। देहरादून के चमन विहार निवासी सुधीर गोयल ने लोक सूचना अधिकारी नगर निगम देहरादून से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सूचना आयोग की ओर से लोक सूचना अधिकारियों पर जुर्माने की सूचना मांगी। नगर निगम की ओर से सूचना न दिए जाने पर प्रकरण आयोग के समक्ष पहुंचा। जहां इसका खुलासा हुआ कि आयोग से किन-किन अपीलों में लोक सूचना अधिकारियों पर जुर्माना या अन्य कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसकी जानकारी नगर निगम के पास नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने इस पर आपत्ति जताते हुए राज्य सूचना आयोग से निगम को सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत धारा 20(1) एवं 20(2) के तहत लोक सूचना अधिकारी, नगर निगम देहरादून के विरुद्ध कार्रवाई संबंधी निर्णयों का विवरण उपलब्ध कराया गया। साथ ही यह निर्देश दिए गए कि इन पर की गई कार्रवाई का अपडेट अपीलार्थी के साथ ही आयोग को उपलब्ध कराया जाए। दो अवसर दिए जाने के बाद भी नगर निगम वांछित विवरण प्रस्तुत नहीं कर पाया। निगम ये भी नहीं बता पाया कि जो जुर्माना लगा था, वह राशि राजकोष में जमा हुई है या नहीं।
निगम केवल ये बता पाया कि 18 मामलों में से तीन में जुर्माना राशि जमा हुई। सात में हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया। आठ के बारे में निगम के लेखा, वित्त अनुभाग में जानकारी नहीं है, जिस पर सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने डीम्ड लोक सूचना अधिकारी भरत चंद्रा वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम देहरादून पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। यह राशि उनके वेतन से तीन माह की अवधि में दो समान किश्तों में काटी जाएगी।