नई दिल्ली। महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने इस मामले में डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल, महाराष्ट्र विधानसभा, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी, महाराष्ट्र पुलिस और केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में की अगली सुनवाई अब 11 जुलाई होगी। इससे पहले शिंदे गुट ने अदालत से कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार अल्पमत में है और वह राज्य की मशीनरी को तबाह कर रही है। शिंदे गुट ने सवाल किया कि जब डिप्टी स्पीकर को हटाए जाने का नोटिस पेंडिंग हो तो वो विधायकों को अयोग्य ठहराने का फैसला कैसे ले सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट से सवाल किया कि आप पहले हाईकोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर जवाब मिला कि विधायकों को धमकाया जा रहा है। शव वापस आने की बात कही जा रही है। मुंबई में माहौल उनके अनुकूल नहीं है।
इस दौरान एक याचिका में विधायकों ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया है। बागी विधायकों का कहना है कि शिवसेना नेताओं की ओर से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं। ऐसे में उन्हें और उनके परिवार को जान का खतरा है। दूसरे पक्ष (शिवसेना) ने न केवल उनके घर-परिवार से सुरक्षा वापस ले ली है, बल्कि बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश की जा रही है।