Saturday, July 27, 2024

कश्मीर में नही होगी धारा-370 बहाल, ऐसा सपना देखना छोड़ दे कश्मीरी

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता और जम्मू-कश्मीर के CM रहे गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि अब कश्मीर में धारा-370 बहाल नहीं हो सकती। कश्मीरी इसके सपने देखना छोड़ दें। आजाद रविवार को बारामुला में एक रैली को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कश्मीर के स्थानीय नेताओं पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा- कश्मीरी भाई-बहन इन नेताओं की बातों में न आएं। वे कश्मीरियों को अपनी राजनीति के लिए गुमराह कर रहे हैं। आप सभी को पता है कि जब तक संसद में दो-तिहाई सांसद इसके समर्थन में नहीं आते, तब तक कश्मीर में धारा-370 बहाल करना नामुमकिन है। मैं आप लोगों को इसके नाम पर न गुमराह करूंगा और न होने दूंगा।

यहां के नेताओं की वजह से एक लाख लोगों की जान गई

आजाद ने लोकल पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नेताओं द्वारा किए गए राजनीतिक शोषण ने कश्मीर में एक लाख लोगों की जान ली है। पांच लाख बच्चों को अनाथ किया है। मैं झूठ और शोषण पर वोट नहीं मांगूंगा। मैं वही बोलूंगा, जो हासिल किया जा सकता है, भले ही इससे मुझे चुनाव में नुकसान हो।’

कांग्रेस पर भी हमला बोला

पिछले महीने कांग्रेस छोड़ने के बाद आजाद ने एक बार फिर पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर एक चुनाव में दिन-ब-दिन नीचे जा रही है। उसके पास धारा-370 को बचाने की शक्ति नहीं बची। इसके अलावा देश में दूसरी कोई पार्टी नहीं बची, जो इसे बहाल करवा सके। इसलिए धारा-370 के नाम पर गुमराह होने से बचें। हमें वो चीज चुननी चाहिए, जो हम पा सकें।

अगले 10 दिनों में अपनी पार्टी लॉन्च करेंगे

आजाद ने रैली में अपनी नई पार्टी की लॉन्चिंग की तारीख का भी ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि अगले 10 दिन में वो अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर देंगे। आजाद ने कहा कि वे शोषण और झूठ से लड़ने कश्मीर आए हैं। इससे अब नुकसान हो या फायदा, उसकी चिंता नहीं करता।

अनुच्छेद 370 कितना महत्वपूर्ण है?

आर्टिकल 370 के तहत जम्मू-कश्मीर के पास अपना संविधान, एक अलग झंडा और कानून बनाने की स्वतंत्रता थी। विदेशी मामले, रक्षा और कम्युनिकेशन जैसे मामले केंद्र सरकार के पास थे। इसके लागू रहते जम्मू और कश्मीर की राज्य सरकार स्थायी निवास, संपत्ति के स्वामित्व और मौलिक अधिकारों से जुड़े अपने स्वयं के नियम बनाती थी और राज्य के बाहर के भारतीयों को संपत्ति खरीदने या वहां बसने से रोकती थी।

4 सितंबर को गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में कहा था- मेरी नई पार्टी का झंडा ऐसा होगा, जिसे हर धर्म का आदमी स्वीकार करे। पार्टी का झंडा और नाम कश्मीर की आवाम तय करेगी। कांग्रेस से इस्तीफे के बाद यह आजाद की पहली रैली थी। आजाद ने कांग्रेस हाईकमान में से किसी का नाम लिए बगैर कहा था कि मेरे नई पार्टी बनाने से उनमें बौखलाहट है, लेकिन मैं किसी का बुरा नहीं चाहता हूं।

कांग्रेस पर और क्या कहा था…

आजाद ने कहा था- कांग्रेस हमने बनाई है, अपने खून-पसीने से बनाई है। कांग्रेस कम्प्यूटर और ट्विटर से नहीं बनी है। जो लोग हमें बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं, उनकी पहुंच केवल कम्प्यूटर और ट्वीट्स तक है। यही वजह है कि कांग्रेस अब जमीन पर कहीं नहीं दिखाई देती। वो लोग डिबेट में खुश रहें, उन्हें वही नसीब हो। हम बुजुर्गों, किसानों के साथ ठीक हैं। उन्हें उनकी बादशाहत मुबारक।

3 घटनाएं जो भाजपा और आजाद की नजदीकी दिखाती हैं

5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने संविधान से अनुच्छेद 370 और आर्टिकल 35A को खत्म कर दिया। इसके बाद महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला समेत सभी बड़े नेताओं को हिरासत में लेकर नजरबंद किया गया था, लेकिन गुलाम नबी इस वक्त भी आजाद थे।

फरवरी 2021 के बाद से गुलाम नबी आजाद लोकसभा और राज्यसभा किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। उनके पास कोई दूसरा अहम पद भी नहीं है। इसके बावजूद लुटियंस में उनका बंगला खाली नहीं कराया गया। अगस्त 2022 में ही उनके बंगले का एक्सटेंशन दे दिया गया।

29 अगस्त को गुलाम नबी आजाद ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं तो मोदी जी को क्रूर आदमी समझता था। मुझे लगता था कि उन्होंने शादी नहीं की है और उनके बच्चे नहीं हैं तो उन्हें कोई परवाह नहीं है, लेकिन कम से-कम उनमें इंसानियत तो है।’

 

Latest Articles