Saturday, July 27, 2024

पीएम की रेस से बाहर शरद पंवार, एनसीपी के सांसद का बड़ा बयान

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2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्षी पार्टियों में चल रही अटकलों के बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के सांसद प्रफुल्ल पटेल ने रविवार को कहा कि पार्टी प्रमुख शरद पवार पीएम पद के उम्मीदवार थे और न ही हैं. हालांकि, पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी के प्रमुख शरद पवार विभिन्न लोगों और विचारधाराओं को एक साथ लाने का काम कर सकते हैं.

‘PM पद की दौड़ में नहीं हैं पवार’

एनसीपी सांसद की यह टिप्पणी पवार के पार्टी अध्यक्ष के रूप में फिर से चुने जाने के एक दिन बाद आई है. बता दें कि पार्टी के 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन के बाद मीडिया से बात करते हुए, पटेल ने कहा, ‘शरद पवार न तो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे और न ही उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है. हम वास्तविकता से अवगत हैं. हम अपनी सीमाओं के बारे में जानते हैं. हमारी पार्टी अन्य दलों की तुलना में छोटी हो सकती है, लेकिन हमारा नेतृत्व बड़ा है. शरद पवार विपक्ष का चेहरा नहीं हैं. वह दौड़ में नहीं हैं.’ आगे स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह नहीं समझा जाना चाहिए कि हम नेतृत्व की दौड़ में हैं.

‘हम बनाएंगे ऐसा माहौल’

पटेल ने NCP के भाजपा का विकल्प होने की अटकलों को भी खारिज कर दिया और कहा कि पवार ऐसा माहौल बना सकते हैं जो लोगों के बीच विश्वास पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि एक सवाल हमेशा पूछा जाता है कि देश में वर्तमान सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ कौन होगा? शरद पवार एक मजबूत नेता हैं जो विभिन्न लोगों और विचारधाराओं को एक साथ ला सकते हैं और जिसके माध्यम से हम एक मजबूत राजनीतिक भूमिका निभा सकते हैं. हम इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे. हम यह नहीं कहना चाहते कि हम विकल्प होंगे, लेकिन शरद पवार के माध्यम से एक ऐसा माहौल बनाया जा सकता है जो लोगों के बीच विश्वास पैदा कर सके.

23 सालों के बाद NCP बनी राष्ट्रीय पार्टी

उन्होंने जोर देकर कहा कि राकांपा और शरद पवार भविष्य में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाएंगे. NCP ने अपने 23 साल पूरे कर लिए हैं और इस अवधि के दौरान, उसे एक राष्ट्रीय पार्टी की पहचान मिली है. आज के राजनीतिक माहौल को देखते हुए एनसीपी भविष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिसमें शरद पवार की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

कांग्रेस के मुद्दे पर यह बोले पटेल

पटेल ने कहा, ‘हमें कांग्रेस से कोई दिक्कत नहीं है, हम पहले UPA के साथ काम कर चुके हैं. बता दें यह चर्चा तब हुई है जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और अन्य जैसे विपक्षी नेताओं द्वारा भाजपा के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में केसीआर ने बिहार का दौरा किया था और कुमार के साथ मंच साझा किया था, जहां उन्होंने कहा था कि पीएम उम्मीदवार पर फैसला चर्चा के बाद लिया जाएगा.

नीतीश कुमार ने इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी का दौरा किया था जहां उन्होंने नेताओं को एक मंच पर लाने के प्रयास के तहत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल, केसीआर, राहुल गांधी और नीतीश कुमार जैसे संभावित नामों के सामने आने के साथ ही विपक्षी समूह से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की दौड़ तेज होती दिख रही है.

2019 में भी हुईं थी ऐसी कोशिशें

विपक्ष ने 2019 के आम चुनावों में सभी नेताओं को एक पृष्ठ पर एक साथ लाने का प्रयास किया था. हालांकि, भाजपा 2014 की तुलना में अधिक सीटों के साथ जीती. गौरतलब है कि भाजपा ने 2014 के चुनावों में 282 सीटें जीती थीं तो वहीं 2019 में 303 सीटों के साथ सत्ता में वापसी की थी.

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