उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के एकमात्र खेल मैदान में लगाई जा रही नुमाइश के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने मैदान में भजन संध्या की अनुमति नहीं देते हुए प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि खेल के मैदान को खेल का मैदान ही रहने दें। पूर्व में कोर्ट ने मैदान में व्यावसायिक कार्यों पर रोक लगा थी। जिस पर आज स्थानीय लोगों ने प्रार्थनापत्र देकर कहा कि उन्हें मैदान में 22 जनवरी से चार दिन के लिए भजन संध्या करने की अनुमति दें, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। रामनगर स्पोर्ट्स क्लब के सदस्य सदाब उल हक ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रामनगर के मथुरा दत्त प्रसाद हिन्दू इंटर कॉलेज के मैदान को 1913 में खेल गतिविधियों के लिए नि:शुल्क लीज पर दिया गया था। वर्तमान में इस मैदान पर जो व्यावसायिक गतिविधियां की जा रही हैं उससे खेल मैदान को क्षति पहुुंचने के साथ ही खेल गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। यह मैदान नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है।