Saturday, July 27, 2024

चीन ने शुरू किया युद्धाभ्यास, ताइवान के समुद्री इलाके के पास दागी गई मिसाइलें

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चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने ताइवान द्वीप के आसपास के पानी और हवाई इलाके में फायरिंग करके अपना अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया है. इसके कुछ घंटे बाद ही चीन की ओर से कहा गया है कि उसने गुरुवार को ताइवान के समुद्री इलाके के पास मिसाइल हमले भी किए हैं. चीन की इस मिलिट्री एक्सरसाइज से क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया है. ताइवान के एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि इसके अलावा चीन की सेना ने बुधवार रात से शुरू होकर गुरुवार की सुबह तक ताइवान के समुद्र को बांटने वाली मेडियन लाइन पर घुसपैठ भी की है.

पेलोसी की यात्रा से बौखलाया चीन

अमेरिकी हाउस की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन बौखला गया है और उसने तनाव के हालात पैदा करने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है. पोलोसी की यात्रा के बाद ही चीन ने यह युद्धाभ्यास शुरू किया है. ताजा हालात पर बात करते हुए ताइवान के अधिकारियों ने कहा है कि चीन का अभ्यास संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन है और ताइवान के क्षेत्र पर आक्रमण की तरह है. उन्होंने कहा कि फ्री एयर स्पेस के साथ-साथ जल सीमा को तोड़ कर भी चुनौती दी जा रही है.

ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के हवाले से रॉयटर्स ने कहा कि चीन सबसे बिजी अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग और विमानन मार्गों पर अभ्यास कर रहा है और यह गैर-जिम्मेदाराना बर्ताव है. दूसरी ओर, ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि वह अभ्यासों को करीब से देख रहा था और द्वीप को जंग का मैदान बनाया जा रहा है लेकिन वह ऐसा नहीं होने देगा. बयान में कहा गया है कि बिना किसी वजह के युद्ध का माहौल पैदा किया जा रहा है लेकिन हम इस विवाद को रोकने के पक्ष में हैं.

ताइवान पर लगाए कई प्रतिबंध

पेलोसी के ताइवान छोड़ने के साथ ही चीन ने अपनी सैन्य गतिविधियां शुरू कर दी थीं. इसके अलावा बीजिंग में अमेरिकी राजदूत को समन किया गया और ताइवान से कई कृषि आयातों को रोक कर अपना गुस्सा जाहिर किया है. चीन के कस्टम डिपार्टमेंट ने ताइवान से खट्टे फलों और कुछ मछलियों के इंपोर्ट को भी सस्पेंड कर दिया है और वाणिज्य मंत्रालय की ओर से ताइवान को प्राकृतिक रेत के निर्यात पर रोक लगा दी गई है.

ताइवान पर चीन का कभी कब्जा नहीं रहा है लेकिन वह इसे अपना इलाका मानता है. साथ ही वह लंबे से कहता रहा है कि जरूरत पड़ी तो वह ताकत के जरिए ताइवान को अपने क्षेत्र में मिला सकता है. अमेरिकी स्पीकर पेलोसी की यात्रा से चीन नाराज है, जो बुधवार को ताइवान से जा चुकी हैं. करीब 25 साल के बाद अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के किसी वर्तमान अध्यक्ष की यह पहली ताइवान यात्रा थी.

अमेरिका से साथ भी बिगड़े रिश्ते

पेलोसी की यात्रा के चलते पहले से पटरी से उतर चुके चीन-अमेरिका संबंधों में और खटास आने के संकेत मिल रहे हैं. चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि पेलोसी की यात्रा का चीन-अमेरिका संबंधों की राजनीतिक नींव पर गहर असर पड़ेगा.इसी कड़ी में ने गुरुवार दोपहर बाद लंबी दूरी तक हमलों का अभ्यास किया, जिसके तहत ताइवान के समुद्र के पूर्वी हिस्सों में बमबारी की गई है.

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